MMS (मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर):
यह वे रेल्स, क्लैम्प्स, और नींव/बैलास्ट/पाइल्स हैं जो सोलर मॉड्यूल्स को सही झुकाव (tilt) और दिशा में स्थापित रखते हैं।
इनका काम है — पैनलों को हवा या बर्फ के दबाव में सुरक्षित रखना, सटीक संरेखण (alignment) सुनिश्चित करना ताकि अधिकतम ऊर्जा प्राप्त हो, और संरचनात्मक व सुरक्षा मानकों (codes) का पालन करना। यह छत (rooftop) और ज़मीन (ground-mount) दोनों प्रकार की साइट्स के लिए अनिवार्य है।
स्ट्रिंग / एरे / ब्लॉक:
एक स्ट्रिंग कई मॉड्यूल्स को श्रृंखला (series) में जोड़कर बनती है।
कई स्ट्रिंग्स मिलकर एक एरे बनाते हैं, और कई एरे मिलकर एक इनवर्टर ब्लॉक को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
यह संरचना फील्ड में इलेक्ट्रिकल डिज़ाइन, IV परीक्षण, लेबलिंग, आइसोलेशन और फॉल्ट डिटेक्शन को नियंत्रित करती है।
इनवर्टर (स्ट्रिंग / सेंट्रल):
यह एक पावर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो DC (Direct Current) को AC (Alternating Current) में बदलता है।
स्ट्रिंग इनवर्टर छोटे-छोटे यूनिट होते हैं जो एरे के पास लगाए जाते हैं, जबकि सेंट्रल इनवर्टर बड़े ब्लॉक्स के रूप में काम करते हैं।
इनका कार्य MPPT (Maximum Power Point Tracking), सुरक्षा, और ग्रिड-गुणवत्ता वाला आउटपुट देना है — जो कमीशनिंग, मॉनिटरिंग और परफॉर्मेंस के लिए मुख्य है।
SPD / LA / अर्थिंग सिस्टम:
ये सभी उपकरण सोलर सिस्टम को विद्युत उतार-चढ़ाव, बिजली गिरने और फॉल्ट से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
इनका उद्देश्य उपकरणों की सुरक्षा और अधिकतम अपटाइम सुनिश्चित करना है। ये CEA और BIS के निरीक्षण चेकलिस्ट में अनिवार्य रूप से शामिल होते हैं।
आईवी कर्व और इलेक्ट्रोल्यूमिनेसेंस:
IV परीक्षण (Current-Voltage Curve) सोलर मॉड्यूल या स्ट्रिंग की विद्युत स्थिति (electrical health) को दर्शाता है — यह बताता है कि मॉड्यूल कितना करंट और वोल्टेज दे रहा है।
EL परीक्षण (Electroluminescence) अंधेरे कमरे में खींची गई इमेज होती है, जो माइक्रो-क्रैक्स और सेल डिफेक्ट्स को दिखाती है। दोनों परीक्षण स्वीकृति परीक्षण (Acceptance Testing), डायग्नॉस्टिक्स, और वारंटी क्लेम्स के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
टॉर्क, इंसुलेशन, कंटिन्यूटी और पोलैरिटी परीक्षण:
ये सभी ऊर्जा प्रवाह से पहले किए जाने वाले मानक परीक्षण (Pre-energisation Checks) हैं।
इनसे यह सुनिश्चित किया जाता है कि टर्मिनेशन अच्छी तरह कसे हों, इंसुलेशन प्रतिरोध ठीक हो, कंडक्टर सही स्थिति में हों, और पोलैरिटी (ध्रुवीयता) सही हो। इन परीक्षणों से हॉट-स्पॉट्स, फॉल्ट्स, और नकली ट्रिपिंग (Nuisance Trips) को रोका जा सकता है, जिससे CEI/CEIG निरीक्षण तेजी से पास होता है।
PR / CUF प्रदर्शन अनुपात / क्षमता उपयोग कारक:
दर्शाता है कि सिस्टम सूर्य की रोशनी (irradiance) से स्वतंत्र होकर कितनी कुशलता से काम कर रहा है। CUF (Capacity Utilisation Factor) बताता है कि नामांकित क्षमता (Nameplate Capacity) के मुकाबले कितनी ऊर्जा समय के साथ उत्पन्न हुई।
दोनों मिलकर O&M अनुबंधों (SLAs) और परफॉर्मेंस बेंचमार्किंग के प्रमुख KPI होते हैं।
CMMS कंप्यूटरीकृत रखरखाव प्रबंधन प्रणाली:
यह एक डिजिटल प्रणाली है जिसमें प्रिवेंटिव और करेक्टिव मेंटेनेंस, स्पेयर पार्ट्स ट्रैकिंग, और SLA प्रबंधन किया जाता है। यह प्रणाली अनुशासन (discipline) लागू करती है, MTTR (Mean Time to Repair) कम करती है, साक्ष्य संरक्षित रखती है और ऑडिट प्रक्रिया को सरल बनाती है।
SCADA / DAS / RTU:
SCADA सिस्टम प्लांट का नियंत्रण और विज़ुअल मॉनिटरिंग प्रदान करता है, DAS डेटा संग्रह (data acquisition) करता है, और RTU फील्ड उपकरणों से इंटरफेस स्थापित करता है। ये तीनों मिलकर रियल-टाइम अलार्म, ऊर्जा रिपोर्टिंग, रिमोट रीसेट्स, और विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित करते हैं।
SLDC / ABT / DSM:
SLDC राज्य की ग्रिड संचालन और शेड्यूलिंग को नियंत्रित करता है।
ABT एक टैरिफ फ्रेमवर्क है जो उपलब्धता आधारित बिलिंग तय करता है।
DSM (Deviation Settlement Mechanism) शेड्यूल से विचलन पर निपटान करता है। इनका ज्ञान होना आवश्यक है ताकि पेनल्टी से बचा जा सके और यूटिलिटी-स्केल प्लांट्स अनुपालन में बने रहें।
CEI/CEIG विद्युत निरीक्षण निदेशालय:
यह वैधानिक (statutory) प्राधिकरण है जो किसी भी प्लांट की डॉक्यूमेंटेशन की समीक्षा और साइट निरीक्षण करता है, ताकि ऊर्जा प्रवाह (energisation) से पहले सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इनकी स्वीकृति (approval) कानूनी कमीशनिंग के लिए आवश्यक होती है और यह टेस्ट रिकॉर्ड्स, ड्रॉइंग्स और सुरक्षा लॉग्स पर आधारित होती है।
CEA / BIS / IS / IEC Rules & Standards:
CEA ग्रिड और सुरक्षा से संबंधित नियम जारी करता है, BIS/IS भारतीय मानक तय करते हैं, और IEC अंतरराष्ट्रीय संदर्भ (international references) प्रदान करता है। डिज़ाइनर, EPC ठेकेदार, और निरीक्षक इन मानकों के आधार पर उपकरण चयन, कमीशनिंग, और स्वीकृति परीक्षण करते हैं।
PPA / CTU / STU / ISTS:
PPA (पावर पर्चेज़ एग्रीमेंट) बिक्री की शर्तों को परिभाषित करता है।
CTU/STU ट्रांसमिशन ऑपरेटर हैं।
ISTS अंतर-राज्यीय विद्युत नेटवर्क है। ये सभी ऊर्जा निकासी (evacuation) अनुमोदन, मीटरिंग, बिलिंग, और वाणिज्यिक व्यवहार्यता (commercial viability) को नियंत्रित करते हैं।
PSS / Bay (AIS/GIS):
Pooling Substation और स्विचगियर “बे”
यह वह स्थान है जहां प्लांट की बिजली को ग्रिड में भेजने के लिए स्टेप-अप किया जाता है। Air-Insulated Switchgear (AIS) या Gas-Insulated Switchgear (GIS) बे में मीटरिंग, प्रोटेक्शन, और इंटरलॉक्स होते हैं। यह सुरक्षित बिजली निकासी (safe evacuation) के लिए केंद्रीय होता है।
सौर मॉड्यूल डीसी कनेक्टर:
यह मानक, मौसम-प्रतिरोधी प्लग है जो PV स्ट्रिंग्स को जल्दी, पोलैरिटी-सुरक्षित और कम प्रतिरोध वाले कनेक्शन के साथ जोड़ता है। इसके फायदे: इंस्टॉलेशन तेज़ होता है, सर्विसिंग आसान होती है, और कॉन्टैक्ट फॉल्ट कम होते हैं।
CT / PT करंट और पोटेंशियल ट्रांसफार्मर:
ये सेंसर हैं जो करंट/वोल्टेज को प्रोटेक्शन रिले और रेवेन्यू मीटर के लिए स्केल करते हैं। इसके जरिए सटीक बिलिंग (SEM/ABT) और सही रिले समन्वय (relay coordination) सुनिश्चित होता है।
SLD सिंगल-लाइन डायग्राम:
एक पृष्ठीय विद्युत नक्शा जो स्रोत, स्विचगियर, सुरक्षा और इंटरकनेक्शन दिखाता है। यह डिज़ाइन समीक्षा, ऑपरेशन, आइसोलेशन/LOTO, और निरीक्षण के लिए सामान्य भाषा है।
ITP / QAP निरीक्षण और परीक्षण योजना / गुणवत्ता आश्वासन योजना:
निर्माण और कमीशनिंग के दौरान कौन, क्या, कैसे और स्वीकृति मानदंड निर्धारित करता है। यह NCR कम करता है, गुणवत्ता मानकीकृत करता है, और हैंडओवर प्रक्रिया तेज करता है।
FAT / SAT फैक्टरी / साइट स्वीकृति परीक्षण:
सिद्ध करता है कि उपकरण निर्माण के समय और इंस्टॉलेशन के बाद निर्दिष्ट मानकों के अनुसार है। इसके जरिए दोष जल्दी पकड़े जाते हैं, वारंटी सुरक्षित रहती है, और ऊर्जा प्रवाह से पहले विश्वास बनता है।
Soiling / Degradation / PID / LID:
गंदगी, गिरावट, पोटेंशियल-इंड्यूस्ड डिग्रेडेशन, लाइट-इंड्यूस्ड डिग्रेडेशन
Soiling और Degradation: गंदगी और उम्र बढ़ने से होने वाले नुकसान।
PID (Potential-Induced Degradation) और LID (Light-Induced Degradation) विशेष प्रकार के नुकसान। इन्हें सफाई, मॉनिटरिंग और उपायों से नियंत्रित किया जाता है ताकि PR बहाल रहे और वारंटी सुरक्षित रहे।
SEM / ABT Meter विशेष ऊर्जा मीटर:
ABT/DSM के अंतर्गत समय-संकेतित मीटरिंग करता है। यह वाणिज्यिक निपटान और ग्रिड अनुशासन (grid discipline) का आधार है।
JJSA / HIRA / PTW / LOTO / WAH — सुरक्षा उपकरण (Safety Toolkit)
कार्य सुरक्षा विश्लेषण, जोखिम पहचान और मूल्यांकन, कार्य अनुमति, ऊर्जा अलग करना और टैग लगाना, और ऊँचाई पर कार्य. ये सभी शून्य-हानि (zero-harm) निष्पादन सुनिश्चित करते हैं और ऑडिट में अनिवार्य हैं।
ALMM Approved List of Models & Manufacturers:
MNRE द्वारा अधिकृत PV मॉड्यूल सूची, जो विशेष योजनाओं और टेंडरों के लिए मान्य है। यह योग्यता, बैंकिंग और खरीद विकल्पों को प्रभावित करता है।
STC / NOCT मॉड्यूल रेटिंग स्थितियाँ:
प्रयोगशाला में नामप्लेट मानक; क्षेत्रीय परिस्थितियों का प्रतिनिधित्व
ये यथार्थ ऊर्जा उत्पादन अनुमान और इन्वर्टर आकार निर्धारण में सहायक होते हैं।
GHI / DNI / DHI / POA विकिरण प्रकार :
संपूर्ण क्षैतिज विकिरण, प्रत्यक्ष विकिरण, विकृत क्षैतिज विकिरण, सौर पैनल के समतल पर विकिरण, ये साइट चयन, छाया विश्लेषण और PVsyst/HelioScope सिमुलेशन में उपयोग होते हैं।
Specific Yield kWh per kWp:
सामान्यीकृत ऊर्जा माप (kWh/kWp/साल) जो साइट और O&M प्रदर्शन की तुलना में मदद करता है। उच्च Specific Yield = बेहतर डिज़ाइन, निष्पादन और रखरखाव।